सुनील छेत्री: भारतीय फुटबॉल का पोस्टर बॉय, जिसने गोल के मामले में ‘मैजिकल मेसी’ को दी टक्कर;

सुनील ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में  पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मुकाबला खेला। फीफा क्वालिफायर के लिए खेले गए इस मुकाबले में वह अपनी टीम को कुवैत के खिलाफ जीत नहीं दिला सके। यह मुकाबला 0-0 से ड्रॉ पर खत्म हुआ। साल्ट लेक स्टेडियम में खेले गए इस मैच के बाद फैंस ने छेत्री को खड़े होकर सम्मानित किया और उन्होंने लैप ऑफ ऑनर लिया। छेत्री ने अपने संन्यास की घोषणा पिछले महीने ही कर दी थी।  उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी थी। 

छेत्री ने अपने शानदार करियर में छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छेत्री 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैंपियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप के साथ-साथ 2017 में इंटरकांटिनेंटल कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा रहे हैं। 

सुनील ने शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलने की शुरुआत साल 2002 में की थी। 17 की उम्र में वह मोहन बागान क्लब से जुड़े। उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल 20 की उम्र में भेजा। एफसी चैलेंज कप फाइनल 2008 में ताजिकिस्तान के खिलाफ सुनील ने तीन गोल किए थे। उनके इन्हीं गोल के दम पर भारतीय टीम ने 27 सालों बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई किया था। 2010-11 में सुनील को कंसास सिटी विजार्ड फुटबॉल लीग ने अपनी टीम के लिए साइन किया था। भारत की आजादी के बाद विदेश में प्रोफेशनल लीग ज्वाइन करने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बने।

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